इस फसल की खेती से बन सकते हैं अमीर! सिर्फ 90 दिन में हो जाती है तैयार, ₹4000/लीटर बिकता है तेल
पश्चिम चंपारण जिले के मझौलिया प्रखंड के रहने वाले कृषक परशुराम सिंह पिछले 17 वर्षों से औषधीय प्लांट मेंथा की खेती कर रहे हैं. परशुराम एक कृषक परिवार से हैं, जिन्होंने आर्थिक स्थिति सही न होने की वजह से वर्ष 2007 में कृषि से अपना मुंह मोड़ लिया था. लेकिन बाराबंकी में दोस्तों से मिलने के दौरान उन्होंने मेंथा की खेती और उससे प्रोसेस किए जाने वाले तेल के व्यापार के बारे में जाना और एक बार फिर कृषि जगत से जुड़ गए.

मझौलिया प्रखंड स्थित रुलहिं पंचायत के रहने वाले परशुराम सिंह ने वर्ष 2007 में उत्तर बिहार का पहला मेंथॉल प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया. हालांकि उस वक्त उनकी आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय थी, लेकिन मेंथा की खेती से खुद को संपन्न बना चुके किसानों से मिलने के बाद उन्होंने अपने सफल भविष्य के लिए पैसों का जुगाड़ किया. उन्होंने नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड द्वारा सरकारी योजना का लाभ लेकर इस प्रोसेसिंग प्लांट को लगाने का फैसला लिया.
योजना से मिले ढाई लाख रुपए और खुद से एक लाख रुपए का जुगाड़ कर परशुराम ने करीब एक लाख 75 हजार रुपए की मशीन लगाई. बाकी पैसे को मेंथा की खेती में लगाया. एक हेक्टेयर में लगाए गए पौधे 90 दिनों में तैयार हो गए, जिससे पहली बार 150 लीटर मेंथॉल की प्रोसेसिंग की गई.
परशुराम अब 100 किसानों के माध्यम से करीब 1000 हेक्टेयर में मेंथा की खेती करवाते हैं. इसकी बुवाई जून से अगस्त तक की जाती है, जिसे 90 दिनों में काट लिया जाता है. गौर करने वाली बात यह है कि साल में तीन बार मेंथा से ऑयल प्रोसेसिंग का काम किया जाता है, जिसे संघ के अलावा निजी तौर पर भी बाजार में बेचा जाता है.
वर्ष 2008 से परशुराम ने मेंथा ऑयल का व्यापार शुरू किया. उत्तर बिहार में पहली बार मेंथॉल प्रोसेसिंग की वजह से उन्हें बिहार औषधि उत्पादक संघ पटना द्वारा अपने समूह में शामिल किया गया. यह संघ उन किसानों से मेंथॉल खरीदता है, जो मेंथा की खेती कर उससे ऑयल तैयार करते हैं.
बाजार में बड़े स्तर पर मेंथॉल की डिमांड को देखते हुए परशुराम ने इसकी खेती का दायरा बढ़ाया और गांव के करीब 100 किसानों को अपने समूह से जोड़कर मेंथा की खेती के लिए तैयार किया. आज परशुराम साल में करीब 1000 लीटर मेंथॉल की प्रोसेसिंग करते हैं, जिसे संघ के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2500 से लेकर 4000 रुपए प्रति लीटर की कीमत पर बेचते हैं.
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